दोस्तो आज के भाग दौड़ भरी ज़िंदगी मे जहां 60 वर्ष की उम्र नौकरी से रिटायमेंट की होती है और 60 से अधिक उम्र हो जाने पर जहा अधिकांश लोग आराम करते हैं या भजन-कीर्तन करते, उस उम्र में आने के बाद एक शख्स ने अपने आपको फिट रखते हुए भारत को गर्व के साथ ऊँचा किया है।
103 वर्ष की वृद्ध महिला मान कौर ने देश विदेश मे जीते कई स्वर्ण पदक।
103 year old female athlete man kaur जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं 103 वर्षीय उम्र की वृद्ध महिला मान कौर Man Kaur की जिन्होंने अपने देश के प्रति विदेशों में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल प्राप्त किया हुआ है। विश्व रिकार्ड बनाने वाली चंडीगढ़ की 103 वर्षीय बुजुर्ग मान कौर इस समय पोलैंड में होने वाली विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स इंडोर चैंपियनशिप की तैयारी कर रही हैं।
जीवन परिचय
सन 1916 मे चंडीगढ़, पंजाब मे जन्मी एथलीट मान कौर Female Athlete Man Kaur इस समय पूरी दुनिया के किसी आश्चर्य से कम नहीं है। वह इसी साल 2019 मे होने वाली विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स इंडोर चैंपियनशिप जो की पोलैंड मे होने वाली है मे भाग लेने की तैयारी मे लगी है। इसी प्रतियोगिता मे वह 60 और 100 मीटर की दौड़ मे भाग लेंगी। मानकौर ने अभी कुछ महीने पहले स्पेन मे हुई विश्व मास्टर्स में ट्रैक एवं फील्ड मे गोल्ड मेडल भी जीता है।
“मानकौर का मानना है की इंसान को अपनी उम्र के पीछे नहीं भागना चाहिये बल्कि उम्र को कभी भी अपने नजदीक ही नहीं आने देना चाहिये।”
कभी भी न हार मानने वाली Man Kaur रेस के साथ साथ ही भाला भी उतना अच्छा फेक लेती है कुछ महीने पहले उन्होने भाला फेंक प्रतियोगिता मे भी गोल्ड मेडल ला चुकी है। वह अपनी इस उम्र की स्पर्धा मे एकमात्र खिलाड़ी रही है। उनके इस जज्बे को देख केआर अच्छे अच्छे दाँतो तले उंगलिया दबा लेते है।
प्रतियोगिता की तैयारी
Man Kaur ने 93 वर्ष की आयु मे दौड़ना शुरू किया जो अपने आप मे किसी हैरत से कम नहीं है। मानकौर आज भी अपने देश के लिए विदेशों में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता को जीतकर मेडल प्राप्त करने में लगी हई है। आज भी उन्हें अपने शरीर को फिट रखने का उत्साह बना रहता है। वह देश-विदेशों में होने वाली एक चैंपियनशिप प्रतियोगिता को जीतकर दूसरी चैंपियनशिप प्रतियोगिता को जीतने की तैयारी में लग जाती हैं।
पुत्र ने बढ़ाई मानकौर की हिम्मत
Female Athlete Man Kaur के बारे में एक हिस्ट्री चैनल ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाकर प्रसारित भी किया हुआ है। मानकौर ने बताया कि उनके 79 वर्षीय बेटे गुरुदेव ने अपने शरीर को फिट रखने के लिए यूनिवर्सिटी में अभ्यास करते थे जिसे देखने के बाद 93 वर्ष की उम्र से ही उन्होंने दौड़ने का अभ्यास शुरू कर दिया। उसके बाद उन्होंने अपने लक्ष्य को निर्धारित करने के बाद हमेशा आगे की ओर बढ़ती चली गई।
मानकौर का पौष्टिक आहार
वह शरीर को फिट रखने के लिए घर का ही भोजन करने की सलाह देती हैं। मानकौर अपने घर में रात को पहले से ही गेहूं भीगोकर रख देती थी और अगले दिन अंकुरित हो जाने पर उन्हीं गेहूं को पीसकर और उस पिसे हुए अकुंरित वाले गेहूं के आटे की रोटी बनाकर दोपहर करीब 11:00 बजे खा लेती हैं। सुबह के समय वह केसर युक्त दूध और फल लेती हैं। भोजन करने से पूर्व वह 45 मिनट तक दौड़ लगाती हैं। दोपहर 1:00 बजे के करीब वह बीट (चुकन्दर) का जूस और बाद में सोया मिल्क लेती हैं। उन्होंने खानपान के मामले में तीन दशक से बाहर की चीजों को छुआ तक नहीं है और न ही कुछ तली- भुनी चीजे खायी हैं।
नियमित रूप से अभ्यास
59 वर्ष की अमृत कौर जो मानकौर की बेटी है, उनके मुताबिक मानकौर यानि उनकी माँ जिनकी दिनचर्या में रोज़ सुबह 6:00 बजे उठने के बाद नियमित रूप से पूजा करना उसके बाद योगा और वाकिंग का अभ्यास करना शामिल रहता है। मानकौर के मुताबिक वह अपने पुत्र जय गुरूदेव का अनुसरण करती हैं। अपनी स्वयं की रीढ़ की हड्डी के टूट जाने पर भी दौड़ लगाती रहती हैं।
मुख्यमंत्री को खिला चुकी है गोद मे
एक इंटरव्यू मे Man Kaur ने बताया कि हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बचपन में उन्हें अपनी गोद में खिला चुकी थी। उस समय अमरिंदर सिंह के दादा भूपेंद्र सिंह के यहां शाही घराने के रसोई घर में काम करती थी, तब पटियाला के शाही राजघराने की शानो शौकत वाली बात ही अलग थी। महाराज भूपेंद्र सिंह की और भी कई रानियां थी जिसकी वजह से महल में शादी जैसा माहौल बना रहता था, रानी और महारानी दोनों में इतना गहरा लगाव होता है कि पता ही नहीं चलता कब दिन गुजर जाता था।
उनकी बढ़ती लोकप्रियता
लोगों के बीच में आज मानकौर “मिरेकल ऑफ चंडीगढ़” के नाम से महशूर हैं। उन्होंने 1 मिनट 14 सेकंड में रेस पूरा करके गोल्ड़ मेडल जीता था। मानकौर के इस अचरज भरे कारनामे को देखने के बाद लोगों को हैरानी होती थी। विश्व रिकॉर्ड की बात करे तो सन 2009 में बनाए गए 100 मीटर की रेस के विश्व रिकॉर्ड से 64.42 सेकंड ही ज्यादा समय लिया वरना वह उसैन बोल्ट से भी आगे निकल जाती। उन्होंने अपने करियर के 17वां गोल्ड मेडल न्यूजीलैंड में प्राप्त किया था। उस वक्त अपनी कैटेगरी की 100 मीटर की रेस की प्रतियोगिता की वह अकेली धावक थीं। आज भी वह प्रत्येक दिन पार्क में रोज सुबह 400 मीटर की दौड़ का अभ्यास करती थी। मानकौर के मुताबिक वह जिंदगी के अंतिम क्षणो (समय) तक अपनी दौड़ जारी रखेगी।
विश्व रिकार्ड्स में अपना नाम शामिल किया और कौन-कौन से अवार्ड्स प्राप्त किये हैं
जब वह 94 साल की थीं, उन्होंने चंडीगढ़ में हुए नेशनल टूर्नामेंट में 200मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने अमेरिका में सौ-दो सौ मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीता था। वर्ष 2001 में उन्हें एथलीट ऑफ द ईयर के लिए चुना गया था। उन्होंने सौ मीटर की रेस को मात्र 1.17 सेकंड में पूरा करके रिकॉर्ड़ तोड़ा। आज भी मानकौर सुबह पार्क में 400 मीटर की दौड़ लगाती हैं। चंडीगढ़ के नेशनल टूर्नामेंट में उन्होंने 94 वर्ष की उम्र में 100-200 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल प्राप्त किया था। अमेरिका में भी उन्होंने 100-200 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल प्राप्त किया था। इतना ही नहीं, उन्होंने इन दोनों के रेसों में भी गोल्ड मेडल जीतने के साथ ही विश्व रिकॉर्ड बना रखा है।
दोस्तों किसी भी काम को करने में उम्र कोई मायने नहीं रखती जिसे Female Athlete Man Kaur ने सच कर दिखाया है। जो शख्स अपने काम के बीच में उम्र को लेकर बातचीत करते रहते हैं वे शख्स अपने जीवन में कभी भी सफल नहीं होते।