कहतें हैं कि हर एक व्यक्ति के हाथो में धन की रेखा होती है परन्तु उसके लिए कड़ी मेहनत और परिश्रम से काम करना पड़ता है। ऐसा ही एक शख्स है, जिन्होंने अपने शिपिंग कंपनी की नौकरी को छोड़ कर अपना खुद की ट्रांसपोर्ट कंपनी का बिजनेस खड़ा करके हर महीने 5 करोड रुपए की कमाई करते है।
22 साल नौकरी करने के बाद स्टार्ट किया अपना स्टार्टअप, आज है करोड़ो के मालिक।
After 22 years of service start his startup Today is owner of the millions उन्होंने अपनी कंपनी की वेबसाइट में रेल, समुद्री जहाज या रोड से होने वाले माल की ढुलाई के लिए बहुत ही कम मूल्य उपलब्ध कराये है। साथ ही कंपनी के द्वारा कार्गो के शिपमेंट के लिए अपने कस्टमर की हर डिमांड पर शुरू से आखिर तक काम करती है। वह भी बेस्ट प्राइस और बेस्ट सर्विस के साथ। फ़िलहाल अभी कंपनी के पास दो हजार से ज्यादा रजिस्टर्ड कस्टमर है और इनकी कंपनी से लगभग 10 कंपनी प्रतिदिन जुड़ रही है।
हम बात कर रहे हैं 42 वर्षीय पुणे पुर्णेन्दु शेखर की जिनकी कंपनी के 7 ऑफिस और उन में काम करने वाले स्टाफ लगभग 4 दर्जन से अधिक है। अपने लक्ष्य को बताते हुए शेखर कहते है की उन्हें जल्द ही इस साल के अंत तक 680 करोड़ रूपए का टर्नओवर हासिल करना है। शेखर का बिजनेस चुनौतिपूर्ण तो है और साथ ही इस में काफी कमाई भी है।
शुरुवात में शॉपिंग कंपनी में ट्रेनीज के तौर पर ज्वाइन किया।
शेखर जो अपने शुरुवाती दिनों के बारे में बताते है कि सन 1995 में उन्होंने 22 वर्ष की उम्र में एक शॉपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) नाम की एक कंपनी मैं उन्होंने ट्रेनीज के तौर पर ज्वाइन किया। जिनसे उन्हें 40 हजार का मासिक वेतन दिया जाता था। उनका यह ट्रेनिंग प्रोग्राम 1 वर्ष का था जिसमें उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी के साथ काम किया।
इसके बाद 2003 तक 12 महीने यानी पूरे 1 वर्ष तक शिप में काम किया। शिप में काम करने के दौरान अपना खुद का व्यवसाय करने के बारे में विचार किया क्योंकि उनका मन कही और लगा हुआ था इस वजह से वह शिप के काम में मन नहीं लगा पा रहे थे। वह अपना खुद का व्यापार करना चाह रहे थे परन्तु कुछ भी नहीं हो पा रहा था। वह हर साल अपने आप को नौकरी में घसीट रहे थे। फिर आखिरकार वो दिन आया जब मई 2016 में नौकरी को अलविदा कह दिया और 2016 के दिसंबर महीने में अपने एक 8×8 फुट के छोटे से कमरे में “कोगोपोर्ट” नाम की एक खुद की लॉजिस्टिक कंपनी की नींव रखकर शुरुआत की। उन्होंने यह काम खुद ही अकेले ही शुरू किया था।
उनकी कंपनी दूसरी बड़ी कंपनियों के सामान ट्रांसपोर्ट करती है। उनकी कंपनी के द्वारा अब लगभग 5.6 करोड रुपए महीने की आमदनी हो रही है। उन्होंने बताया कि शुरुआत से ही उन्हें कुछ अलग करने की चाहत थी जो अब जाकर पूरी हुई है।
भविष्य रोजगार की और अग्रसर
पुर्णेंदु शेखर के मुताबिक शिपिंग कंपनी में नौकरी के दौरान ही उन्हें पता चल गया ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में बहुत अधिक संभावनाएं हैं जो बहुत ही हितकारी है।
यात्रियों को ढोने की बात हो या सामान को ले जाने और लाने की बात हो तो भारत जैसे देश में ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में रोजगार की बहुत अधिक और बेहतर आमदनी के साथ संभावनाएं हैं।
सरकारी बैंको की योजना।
ट्रांसपोर्ट के बेहतरीन संभावनाओं को देखते हुए सरकार भी इसे बढ़ाने पर जोर दे रही है। हर क्षेत्र में सरकार रोड के विषय को बढ़ावा देने के लिए टूटी फूटी सड़कों का निर्माण करा रही है और मालगाड़ी के लिए नई रेल लाइन बिछाने का काम करवा रही है। इसके अलावा इस क्षेत्र में कई व्यवस्थाएं और नए व्यापारियों के लिए सुनहरे अवसर सामने आ रहे हैं व पुराने व्यवसायियों के लिए और भी अधिक संभावनाएं बढ़ गई हैं की वह अपने व्यापार का विस्तार कर सके।
इसी वजह से देश के प्रमुख सरकारी बैंकों ने अपने कई योजनाओं में से एक “फ्लीट फाइनेंस” की एक बेहतर योजना है। इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अपना ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय शुरू करने के लिए करीब 1 करोड़ का ऋण बिना कुछ गिरवी रखकर लिया जा सकता है।
ऋण के लिए जरूरी लाइसेंस, परमिट, कौशल
इस योजना के द्वारा ट्रांसपोर्ट के पुराने व्यवसायी और इसी क्षेत्र में नए आने वाले व्यवसायी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा इस योजना के तहत यात्रियों और सामान को ढोने के लिए वाहन खरीदने के इच्छुक कंपनी या व्यक्ति इसका पूरा लाभ ले सकती है। इस ऋण के लिए आवेदक को जरूरी कागजात जैसे कि ड्राइविंग लाइसेंस या वैध लाइसेंस रखने वाला गाडी का ड्राइवर होना चाहिए। साथ ही उसे वाहन चलाने का भी पर्याप्त अनुभव होना चाहिए। इसके अलावा कर्ज लेने वाले व्यक्ति के पास सामान या यात्रियों की ढुलाई से सम्बंधित विभाग से परमिट भी होना आवश्यक है।
आवेदक को उसका अच्छा अनुभव होने के साथ-साथ व्यवसाय को चलाने का भी कौशल होना चाहिए। जो व्यक्ति एक या एक से ज्यादा ट्रक, बस रखने वाले ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर भी इसके हकदार होंगे।
वाहन की बॉडी, चेसिस बनाने की लागत पर हम कुल खर्चो का 90 प्रतिशत ले सकते है। पुराने वाहन को 25 फीसदी व नए वाहनों पर 10 फीसदी तक का मार्जिन निर्धारित किया गया है।
कंपनी का रजिस्ट्रेशन
पुर्णेंदु शेखर जी के मुताबिक जब कोई बिजनेस स्टार्टअप करते हैं या करने जा रहे होते हैं तो सबसे पहले उस पर विचार कर लेना चाहिए और उस विषय की जांच पड़ताल करनी चाहिए। ट्रांसपोर्ट का मतलब बताया है कि माल को या यात्रियों को व्यवस्थित ढंग से एक स्थान से दूसरे स्थान पर निर्धारित समय पर पहुंच जाना चाहिए। सबसे पहले अपनी कंपनी का स्टार्टअप करने का चरण होता है, कंपनी का रजिस्ट्रेशन। कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाते समय यह तीन कागजात शॉप एक्ट लाइसेंस, कंपनी का उधोग आधार नंबर और जीएसटी नंबर बहुत जरूरी होता है जिसका कुल खर्चा मात्र 10,000 रूपये आता है। कंपनी का रेजिस्ट्रेशन पूरा हो जाने के बाद ही अपना नया या पुराना वाहन को खरीदा जा सकता है।
80 फीसदी तक ऋण
सबसे अच्छी और महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में लगभग सभी बैंक आज के दौर में ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए आवेदक को 80 फीसदी तक ऋण दे रहे है। आवेदक को केवल अपना व्यापार शुरू करने के लिए 20 फीसदी धन की व्यवस्था करनी पड़ती है। बैंक ऋण के द्वारा आवेदक अपनी कंपनी के लिए अधिक से अधिक 10 वाहन खरीद सकता है। कंपनी के द्वारा इन नये खरीदे गए वाहनों के लिए अलग से अनुभवी ड्राइवरों को रखना पड़ता है।
व्यवसाय का विस्तार करना
इस क्षेत्र में और भी कई तरह के नियम होते हैं, जैसे कि अपने वाहनों को ओला, उबर से जोड़ा जा सकता है। बता दें कि अब ओला, उबर प्रत्येक जगह (शहर) की पहुँच में आ चुके है। जिसकी सहायता से अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए इससे जोड़ा जा सकता है। जस्ट डायल डॉट कॉम की ऑनलाइन और ऑफलाइन सर्विसेज के द्वारा भी अपनी कंपनी का विस्तार किया जा सकता है। जिसमें आवेदक को अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन मात्र 4,000/- रुपये में ही करवाया जा सकता है।
बताते है कि इनके द्वारा अपनी कंपनी या आवेदक को अपने ही शहर में बहुत सारे कस्टमरों को एक साथ जोड़ा जा सकता है। आवेदक को केवल इतना ही ध्यान रखना पड़ता है कि वह अपने ग्राहकों के सामान आदि को सही समय पर व्यवस्थित ढंग से पहुंचाया जा सके। इसी दौरान आपको अपने वाहनों की सर्विस का भी ध्यान रखना पड़ता है नहीं तो कस्टमर के सामान को समय पर न पंहुचा पाने की स्थिति में कंपनी की वैल्यू ख़राब होने का डर रहता है।
सरकार के द्वारा ऐसे कार्यों को देखने के बाद नए लोगों की परेशानियों को कम करते हुए उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर प्रोत्साहित करती रहती है और देश में रोजगार को बढ़ावा देने का भी काम करती है। जिससे परिवहन के द्वारा देश की अर्थव्यवस्था बढ़ती है।
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