दोस्तों आज का दौर इंटरनेट का दौर है जहां हर व्यक्ति ऑनलाइन के माध्यम से चाहे वे शॉपिंग हो या नॉलेज हर वो चीज़ जो वह चाहता है ऑनलाइन के माध्यम से आसानी से पा सकता है। इसी तरह दीपेंदर गोयल ने भी ऑनलाइन के माध्यम से लोगों को होने वाली परेशानियां को कम करने के लिए एक ऑनलाइन फूड पोर्टल “फुडीबे डॉट कॉम” को लांच किया था। यह वही फुडीबे डॉट कॉम था जो आगे चलकर “जोमेटो” Zomato में बदल दिया गया। Zomato Success Story.

कक्षा मे हुए 2 बार फेल, आज खड़ी की अरबों की कंपनी। Zomato success story.

हम बात कर रहे हैं मुक्तसर के रहने वाले दीपेंदर गोयल Deepinder Goyal की जिन्होंने सन 2000 से लेकर सन 2005 तक दिल्ली के IIT से अपनी M-Tech की पढ़ाई पूरी की थी। दीपेंदर शुरू से पढ़ाई मे काफी कमजोर थे। वह पहली बार छठी मे फेल हुए थे फिर दुबारा कोशिश करते हुए आठवीं कक्षा तक पहुंचे। आठवीं कक्षा मे टीचर के द्वारा नकल कराकर उन्होने कक्षा मे अच्छे नंबर प्राप्त किए।

परंतु पढ़ाई मे शुरू से ही मन ना लगने की वजह से फिर से ग्यारहवीं कक्षा मे फिर से फेल होना पढ़ा। घर वालों ने गुस्से मे उन्हे आगे की पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ भेज दिया। दीपेंदर ने आगे की पढ़ाई मे अपना पूरा ध्यान दिया और पहली बार मे ही उन्होने आईआईटी एंट्रेंस को पास कर लिया और आईआईटी दिल्ली पहुँच गए। उनका मन शुरू से ही पढ़ाई की जगह कुछ बड़ा करने का करता था। वह हमेशा सभी से अलग सोंचते थे। अपने ग्रेजुएशन के समय से ही वह देखा करते थे की खाने पीने की दुकानों के बाहर हमेशा कतार लगी रहती थी। वह इस परेशानी का हल निकालना चाहते थे।

Zomato success story

ऑफिस कैफेटेरिया मे आया बिजनेस आइडिया।

दीपेंदर गोयल ने अपनी IIT से पढ़ाई पूरी करने के बाद एक फर्म “बेन एंड कंपनी” में कंसल्टेंट के तौर पर नौकरी ज्वाइन कर ली। एक बार उन्होंने ऑफिस लंच के दौरान देखा कि ऑफिस कैफेटेरिया मे भीड़ की वजह से एक लंबी कतार लग गई थी उनके साथ काम करने करने वाले सभी साथी उस लाइन मे खड़े हो कर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे ताकि कैफेटेरिया में जाकर मेन्यू को देख सके और ऑर्डर कर सके। लाइन लगने की वजह से सभी का समय भी बर्बाद हो रहा था। यही से उनके दिमाग मे एक आइडिया आया। उन्होने कैफेटेरिया के मेन्यू को स्कैन कर के ऑनलाइन डाल दिया जिसे लोगो ने काफी पसंद किया।

दीपेंदर गोयल के स्टार्टअप की शुरुवात।

Zomato success story. लोगो के मिलते अच्छे रिस्पॉन्स को देखते हुए उनके दिमाग मे एक स्टार्टअप का आइडिया आया। उन्होंने सोचा कि क्यों न ऐसी वैबसाइट बनाई जाये जिसमे सभी रेस्टोरेन्ट की जानकारी मिल सके। ताकि लोगों को लाइन में लगकर अपना समय नष्ट न करना पड़े और वे ऑनलाइन के जरिये ही सभी कैफेटेरिया और रेस्तरां के मेन्यू से लेकर समीक्षा तक देख सकें।

दीपेंदर ने जब इस विचार को अपने साथ काम करने वाले मित्र पंकज चड्ढा के साथ साझा किया तब उन्होंने दीपेंदर की बहुत प्रशंसा की और उनके काम में सहयोग देने का वादा भी किया। सन 2008 में दोनों मित्रों ने मिलकर ऑनलाइन फ़ूड पोर्टल फुडीबे डॉट कॉम बनाकर लांच किया। इस पोर्टल के द्वारा वह लोगों को बड़ी ही आसानी के साथ किसी भी रेस्टोरेन्ट के हर भोजन का मूल्य, रेस्तरां का पता व उन रेस्तरां की लोकप्रियता आदि आसानी के साथ जान सकते थे।

Read More : कॉफी स्टार्टअप से तीन दोस्तों ने बदल ली अपनी जिंदगी।

जल्द ही उनकी वैबसाइट पूरे शहर मे पोपुलर हो गई थी। सबसे पहले इनके पोर्टेल की शुरुवात दिल्ली और एनसीआर के रेस्टोरेंट्स की लिस्ट से हुई थी। फिर इनके पोर्टेल मे देश के 12 और शहर के रेस्टोरेंट्स जोड़े गए। अपनी लगातार मेहनत के बलबूते पूरे देश और आज पूरी दुनिया के 23 देश इनके साथ जुड़ते चले गए।

Zomato success story

अपने परिवार का नहीं मिला सपोर्ट।

ऑनलाइन फ़ूड पोर्टल फुडीबे डॉट कॉम के लिए उन्हे अपना पूरा टाइम देना था जिस वजह से उन्हे अपनी जॉब को भी छोड़ना था। दीपेंदर के द्वारा लिए गए इस निर्णय को जानने के बाद उनके परिजनों ने उन्हे बिलकुल सपोर्ट नहीं किया, क्योंकि वे मध्यम-वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे। वह नहीं चाहते थे की दीपेंदर अपनी नौकरी को छोड़ कर कोई बिजनेस करे।
लेकिन उनकी धर्मपत्नी कंचन जो कि उन्हीं के साथ दिल्ली के IIT से पढ़ चुकी थी, उन्होंने हमेशा दीपेंदर का साथ दिया।

सन 2010 में फुडीबे से नाम बदलकर ज़ोमैटो रखा गया

दीपेंदर के अनुसार जब उन्होने देखा की फूड सेक्टर में भविष्य के लिए बेहतर मौके की संभावना है और साथ ही उनके वैबसाइट फुडीबे डॉट कॉम पर लोगों ने बेहतर फीडबैक देने लग गए तो उन्होने अपनी कंसल्टेंट की नौकरी से इस्तीफा देकर अपना पूरा समय इसी प्रोजेक्ट पर देने लग गए। सन 2010 में उन्होंने कंपनी के नये नाम के बारे सोचा जो छोटा हो और लोग उस नाम को आसानी से याद कर सके। जल्द ही उन्होने अपनी वैबसाइट फुडीबे डॉट कॉम की जगह “जोमेटो” रखने के बारे में सोचा और जोमेटो डॉट कॉम कंपनी का पुनः गठन किया।

Zomato success story

दुनिया भर मे फैला जोमेटो का बिजनेस। Zomato success story.

जोमेटो कंपनी ने अपनी वेबसाइट और मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये आज अपनी लोकप्रियता की पूरी दुनिया में धूम मचा मचा दी है। दीपेंदर की जोमेटो कंपनी की वेबसाइट में रेस्टोरेंट्स के फोटो, रिव्यूज, मेन्यू और उस लगभग सभी रेस्टोरेंट्स के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध होती है। जोमेटो एप्लीकेशन व वैबसाइट के माध्यम से आप अपने नजदीकी किसी भी रेस्टोरेन्ट से फूड ऑर्डर कर सकते है साथ ही ऑनलाइन पेमेंट की भी सुविधा है। लोगो की सुविधा को ध्यान मे रखते हुए जोमेटो की और से फ्री होम डिलिवरी उपलब्ध है।

Read More : असफलता से सीख कर, बनायी अरबों की ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी कंपनी-Swiggy.

आज दीपेंदर की जोमेटो कंपनी 24 देशो मे करीब 10 हजार से अधिक शहरो मे करीब 2 लाख से अधिक रेस्टोरेंट्स की जानकारी उपलब्ध है। जोमेटो की वेबसाइट हर देश के अनुसार कई अलग अलग भाषाओं में है जैसे कि तुर्की, पुर्तगाली, स्लोवाक, इंडोनेशियाई, स्पेनिश और इंग्लिश

Zomato success story

करोड़ों रूपये की फंडिंग।

जोमेटो की सफलता को देखते हुए सबसे पहले इंफो एज (इंडिया) ने करीब 4.7 करोड़ रूपये का इन्वेस्ट किया था, उस वक्त उनकी कंपनी का नाम जोमेटो न होकर फुडीबे डॉट काम हुआ करता था। इस इन्वेस्टमेंट के सालभर बाद ही इसी कंपनी ने इनकी बढ़ती हुई मार्केट वैल्यू को देखते हुए अपने निवेश को लगभग 3 गुना अधिक बढ़ाकर इन्वेस्ट किया।

Read More : पहला Startup फ़ेल होने के बाद भारतीय चाय को बनाया ब्रांड, पूरे देश मे कई स्टोर्स। “Chai Thela”.

उसके बाद दीपेंदर के घर में एक नन्ही परी सियारा का जन्म हुआ तो लगा जैसे कि उनके घर में “मां लक्ष्मी” का आगमन हो गया हो, क्योंकि इंफो एज (इंडिया) कंपनी ने सिक्वा कैपिटल के साथ सयुंक्त रूप से लगभग सवा दो सौ करोड़ रूपये का इन्वेस्ट किया। इस इन्वेस्ट के मिलने पर अगले 6 महीने के अंदर ही जोमेटो ने न्यूजीलैंड में स्थित मैन्यु मीनिया का अधिग्रहण कर लिया था, फिर जोमेटो के द्वारा पूरे यूरोप में उन कंपनियों को खरीदा गया, जो अपने देश मे बड़ी रेस्टॉरेंट सर्च कंपनी मानी जा रही हो।

Zomato success story

जोमेटो कंपनी की मार्किट वैल्यू।

आज दीपेंदर की कंपनी जोमेटो ने भारत के अलावा लगभग 24 देशों में अपना डंका बजा रखा है। आज इस कंपनी ने अपनी मार्किट में लगभग 7000 करोड़ से अधिक की वैल्यू बनाकर दुनिया में सफल होने वाले स्टार्टअप में अपना नाम शामिल कर दिया है। Zomato success story.

Read More : दो दोस्तो ने की पैकेज्ड फूड बिजनेस की शुरुवात, कमाए डेढ़ साल मे 15 करोड़।

दोस्तों सफल होने के लिए यह जरूरी नहीं हैं कि आपका बिज़नेस कौन सा है बल्कि यह जरूरी होता है कि आप अपने बिज़नेस के द्वारा आम लोगो की किस तरह की परेशानी का अंत कर रहे हो। किसी भी व्यापार को करने के लिए ऊंचे इरादे और मजबूत इच्छा शक्ति का होना सबसे ज्यादा जरूरी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here