Sattviko Food Business Success Story दोस्तों आजकल के दौर में सभी व्यक्ति हमेशा अपने आप को स्वस्थ व हेल्दी रखना चाहते है जिसके लिए कई लोग घंटों जिम में वर्कआउट करते हैं और इसके विपरीत कई लोग ऐसे भी हैं जो समय और काम के चलते जिम जाना तो दूर थोड़ी देर टहलने का भी समय नहीं निकाल पाते और ऐसे में यदि आप खाने में फास्ट फूड या मसालेदार खाने का प्रयोग करते हैं तब आप खुद ही समझ सकते हैं कि आपकी सेहत कितनी और खराब करने वाले है। ऐसे में यदि आपको पौष्टिक और सात्विक खाने को मिल जाए तो आपके शरीर के लिए काफी हद तक फायदेमंद रहेगा। आज के समय में जहां हर जगह फास्ट फूड और तेज मसालेदार खाने का चलन है वहीं पर आपको बिना लहसुन-प्याज के सात्विक और पौष्टिक फूड आपको मिल सकता है, जो आपकी सेहत के लिए कोई नुकसानदेह नहीं है।
दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं उन दो दोस्तों की जोड़ी के बारे में जिनके फूड प्रोडक्ट हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए काफी पौष्टिक व हेल्दी है। जी हां आज हम बात करने जा रहे हैं दोनों दोस्तों की जिनका प्रसून गुप्ता और अंकुश शर्मा है दोनों ने साथ मिलकर अपने कई स्टार्टअप किए और हमेशा आगे बढ़ते रहे। जिनमे से हम आज बात करेंगे “सत्विकों” Sattviko स्टार्टअप Startup के बारे मे जो की एक फूड पैकेज्ड कंपनी है, और इनके प्रॉडक्ट पूरी तरह सात्विक और हेल्दी है। success story.
Sattviko Food Business Success Story.
सत्विकों मे किया बदलाव।
प्रशुन और अंकुश का फूड बिजनेस आइडिया सात्विको Sattviko सन 2013 में शुरू हुआ था। सात्विको जो कि प्राचीन भारतीय खाने को मॉडर्न फ़ूड स्टायल में अपने रेस्टोरेंट मे प्रेजेंट करते थे। इनके मेन्यू मे भारतीय व्यंजन के साथ ही कॉन्टीनेंटल और मैक्सिकन फूड भी बनते थे। इनका Startup का मॉडल QSR चैन (Quick Service Restaurants Chain) पर आधारित था। सन 2016 में इन्होंने अपने सात्विक फ़ूड रेस्टोरेंट चैन के स्टार्टअप में बहुत बड़ा बदलाव किया और आज इनका स्टार्टअप सात्विक फ़ूड रेस्टोरेंट चैन से बदलकर सात्विक पैकेज्ड फ़ूड कंपनी में बदल चुका है।
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पहला स्टार्टअप।
शुरुआती स्टार्टअप कि यदि हम बात करें तो अंकुश और प्रशुन दोनों ने अपनी पढ़ाई आईआईटी रुड़की से की है। इंजीनियरिंग करने के दौरान उनके दिमाग में स्टार्टअप करने का ख्याल आया। उन्होंने “टैकबडी” के नाम से अपना एक स्टार्टअप शुरू किया। इस स्टार्टअप के अंतर्गत वह युवाओं को रोजगार व कैरियर से संबंधित जानकारियां दिया करते थे। उनका यह स्टार्टअप काफी अच्छा रहा, इनको लोगो की तरफ से काफी प्रशंसा मिली। एक युवा उद्यमी के तौर पर अपनी पहली सफलता से इनका आत्मविश्वास भी काफी बढ़ गया था। अब दोनों दोस्तो ने मिलकर अपने नये स्टार्टअप के बारे मे विचार करना प्रारम्भ कर दिया जो की फूड बिजनेस था। दोनों ने मिल कर जल्द ही Sattviko Startup की शुरुवात की। success story.
क्या हुए बदलाव।
प्रसून गुप्ता और अंकुश शर्मा ने सात्विको की शुरुआत सन 2013 मे की थी। सत्विकों एक रेस्टोरेन्ट चेन बिजनेस था जिसमे वह सभी के लिए भारतीय सात्विक व पौष्टिक भोजन को मॉडर्न फूड के रूप मे बनाते थे। सात्विक भोजन जिसमे लहसुन, प्याज व ज्यादा तेज मसालेदार का उपयोग ना हुआ हो। परन्तु सन 2016 में कंपनी ने अपने बिजनेस आइडिया से हट कर काम शुरू कर दिया और जल्द ही कंपनी एक हेल्थी पैक्ड फ़ूड कंपनी में बदल दी गई।
शुरुवाती निवेश और लक्ष्य मे चुनौती।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सात्त्विको कंपनी को अपने फॉर्मेट मे बदलाव करने पर काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सात्विक पैकेज्ड फूड कंपनी को शुरू करने मे शुरुवाती निवेश 20 लाख के लगभग था। कंपनी ने अपने शुरुवाती खर्चे को कम करने के लिए अपनी मैन्युफैक्चिरिंग यूनिट नहीं लगाई बल्कि आउटसोर्स के द्वारा ही काम शुरू किया।
उन्होने अपने हाथ मे केवल प्रॉडक्ट क्वॉलिटी चेक और आरएनडी पर ही काम किया। आज की प्रतिस्पर्धा की दोड़ मे उन्हे बेस्ट प्रॉडक्ट ही मार्केट मे उतरना था और साथ ही अपने प्रॉडक्शन को वेंडर के अनुरूप ही मार्केट मे उतरना था जो की उनके लिए काफी चुनौती पूर्ण था। sattviko startup success story.
प्रसून गुप्ता और अंकुश शर्मा ने सात्विको के प्रॉडक्ट को अपने आइडिया के अनुसार सात्विक व पौष्टिक भी रख के चलना था। इन सभी बातों का खयाल रखते हुए आज सत्विकों के प्रॉडक्ट मार्केट मे काफी पोपुलर प्रॉडक्ट है।
सात्त्विको कंपनी का टर्नओवर और लक्ष्य। Food Business Success Story
कंपनी के फाउंडर प्रसून गुप्ता और अंकुश शर्मा ने कंपनी की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए कंपनी के लिए 1 मिलियन डॉलर की फंडिंग की व्यवस्था भी की है। कंपनी ने अपने प्रोडक्ट के बेस पर मार्केट में काफी अच्छा रिस्पांस दिया साथ ही कंपनी के टर्नओवर में भी काफी बढ़ोतरी हुई। कंपनी ने मात्र डेढ़ साल के अंदर 18 करोड़ रुपए का प्रॉफिट निकाला है। आने वाले भविष्य के लिए कंपनी ने अपने लिए 50 करोड़ रुपये टर्नओवर का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कंपनी कड़ी मेहनत के साथ मार्केट में अपना दबदबा बनाए हुए हैं।
सत्विको के हेल्दी प्रॉडक्ट।
सत्विको कंपनी में इतने परिवर्तन के बाद भी उन्होंने अपने बिजनेस आइडिया में कोई परिवर्तन नहीं किया। कंपनी के द्वारा आज अपने पैकेज्ड फूड में खखरा चिप्स, मखाने, पान किशमिश, गुड़-चना, अजवाईनी और अलसी जैसे प्रोडक्ट को सात्विक तरीके से तैयार करके मार्केट में उतारती है। कंपनी के द्वारा बनाए जा रहे हैं सभी प्रोडक्ट हेल्थी, टेस्टी व पौष्टिक है। सत्विको कंपनी के द्वारा मार्केट रिसर्च करके यह जाना की बड़ी पैकिंग को हर जगह ले जाना संभव नहीं है इसलिए उन्होंने अपने प्रोडक्ट को छोटे पैकिंग में भी मार्केट में उतारा है ताकि इसे कहीं भी साथ ले जाने में कोई परेशानी ना हो सके।
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पारंपरिक खाद्य पदार्थों को आधुनिक अवतार में पेश करने के लिए पुराने खाद्य व्यंजनों और आधुनिक खाद्य प्रौद्योगिकी के बीच सात्विक उत्पाद एक पूर्ण संलयन हैं। सत्विको सभी आयु वर्ग के ग्राहकों के लिए हेल्दी स्नैक्स की 25 से अधिक किस्मों के प्रॉडक्ट मार्केट मे रखता है।
डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क व ऑनलाइन के माध्यम से।
सत्विकों के लिए सबसे ज्यादा चैलेंजिंग था डिस्ट्रीब्यूटर और रिटेलर्स का नेटवर्क बनाना, क्योंकि कंपनी के प्रोडक्ट को मार्केट में डिस्ट्रीब्यूटर करने के लिए इस नेटवर्क का साथ में मिलकर चलना जरूरी होता है। इसी नेटवर्क के साथ प्रोडक्ट की अच्छी सेल व अच्छा रिटर्न निकलता है। कंपनी ने अपनी मार्केटिंग को बढ़ाते हुए अपने प्रोडक्ट को बड़े मॉल्स, होटल्स, कैफेटेरिया व कई वेडिंग मशीनों में भी अपने प्रॉडक्ट डिस्प्ले किये है। सत्विकों ने इस समय स्पाइस जेट और होटल ताज के साथ मिलकर अपने प्रोडक्ट को सेल कर रही है।
सत्विकों कंपनी के प्रोडक्ट ग्राहक के पास आसानी से पहुंच सके इसके लिए कंपनी अपने प्रॉडक्ट अपनी वैबसाइट के माध्यम से व फ्लिपकार्ट, अमेज़न, स्नैपडील जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म के द्वारा अपने प्रॉडक्ट सेल कर रही है। Food Business Success Story.
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दोस्तों एक सर्वे के अनुसार भारत देश में लगभग 30 % ही ऐसे लोग हैं जो पूरी तरह शाकाहारी है और सात्विक खाना पसंद करते हैं। बाजार में बहुत ही कम ऐसे प्रॉडक्ट है जो ग्राहकों के लिए सात्विक व स्वादिष्ट स्नेक्स बनाते है इसी कमी को देखते हुए दोनों दोस्तों ने अपने बिजनेस की नींव रखी और आज Sattviko Company का टर्नओवर करोड़ों में पहुंचा दिया। कंपनी ने वाकई में कई चुनौतियों का सामना करते हुए आज अपने आप को प्रतिस्पर्धा से भरे मार्केट में खड़ा किया है।