दोस्तों आप लोगों ने अचार का स्वाद तो खूब लिया होगा, यदि नहीं लिया तो आप एक बार “श्री कृष्णा पिकल्स” कंपनी के अचार का स्वाद जरूर लेना, जिन्होंने अपनी गरीबी से तंग आकर मात्र 2000/- रूपये का इन्वेस्ट करके करोड़ों रुपयों का टर्नओवर प्राप्त किया हुआ है।

आर्थिक तंगी मे शुरू किया अचार का व्यापार आज खड़ी की 5 कंपनियां।

success story of shri Krishna pickles  हम बात कर रहे हैं “श्री कृष्णा पिकल्स” कंपनी को सम्भालने वाली कृष्णा यादव जी की, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी मे उतार चढ़ाव भरे रास्तो पर सफर करके आज के समय मे अपने आप को अपने परिवार को एक बेहतर ज़िंदगी दी है और अपनी कंपनी को अपनी सूझ बुझ से करोड़ो का टर्न ओवर वाली कंपनी बनाई है।

तो चलिए बात करते हैं कि किस तरह से उन्होंने अपने जीवन में सफलता का झंडा गाड़ा हुआ है-:

success story of shri Krishna pickles

पारिवारिक पृष्ठभूमि

शुरुवाती दौर मे “श्री कृष्णा पिकल्स” के साम्राज्य को सम्भालने वाली कृष्णा यादव जी अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में रहती थी। उस समय कृष्णा यादव जी के पति गोवेर्धन यादव जी एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे और साथ में अलग से उन्होंने अपना बिज़नेस भी शुरू किया लेकिन कुछ समय बाद उनके द्वारा शुरू किये गये बिज़नेस में काफी नुकसान हो गया जिसकी वजह से उन्हें अपना घर-मकान बेचने की नौबत आ गई और उनके पति गोवेर्धन यादव जी की नौकरी भी छूट गई, जिसकी वजह से उनके परिवार की सड़क पर आने जैसी दुर्दशा हो गई थी तब उनके पति गोवेर्धन यादव जी एकदम नर्वस और परेशान हो गए। लगभग एक साल तक कृष्णा यादव जी और उनका परिवार काफी मुश्किलों और कठिनाइयों का सामना करता रहा और उनके पति ने तो आत्महत्या करने तक का विचार भी बना लिया था।

गांव से शहर की तरफ किया रूख

हालात के चलते हुए कृष्णा जी ने तब अपने पति से गांव छोड़ने बात कही क्योंकि उन्हें महसूस होने लगा था कि उनकी परिस्थति को सुधरने में समय लगने वाला है और इसी बीच उन्हे छोटे-बड़े काम करके अपने परिवार का गुजर-बसर करना पड़ेगा। अपने ही गांव में ऐसा करने में उन्हें अजीब लग रहा था इसलिए उन्हें उस गांव को छोड़ने का विचार कर लिया ताकि किसी दूसरी जगह पर जाकर वह किसी भी तरह का छोटे बड़े काम करके अपने परिवार का गुजर-बसर कर सके, तब उनके पति ने अपने किसी मित्र से 500/- रूपये उधार लेकर दिल्ली की तरफ रूख किया। हालांकि गांव में उनके ऊपर 20-25 हजार रूपये का कर्जा हो गया था। दिल्ली में आकर वे नजफगढ़ रहने लगे। दिल्ली में गोवेर्धन यादव जी ने रोजगार के लिए काफी इधर-ऊधर फैक्ट्रियों में भटके परंतु उन्हें हर जगह असफलता ही मिल रही थी।

success story of shri Krishna pickles

सब्जी के ठेले से परिवार का पेट पाला

रोजगार न मिलने के कारण आखिरकार उन्होंने एक खेत बट्टे पर लेकर उसमे सब्जी उगाने का काम करने लगे, और मार्किट में एक ठेला लगाकर उसमे सब्जी बेच कर गुजर बसर करने लगे परन्तु परिवार की आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया और जैसे-तैसे वे अपने बच्चों के साथ अपना जीवन बीता रहे थे।

कहां से मिला आइडिया

कृष्णा जी के मुताबिक एक बार वे अपने परिवार के साथ बैठकर टीवी में दूरदर्शन का चैनल देख रही थी जिसमे सरकार की तरफ से शहरी और ग्रामीण महिलाओं के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र में लघु उद्योग के बारे में प्रोग्राम दिखाया जा रहा था। उसके बाद उन्होंने अपने पति से कृषि विज्ञान केन्द्र से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए कहा। जब उन्हें कृषि विज्ञान केन्द्र के बारे में पता चला जो कि दिल्ली में उनके घर के पास नजफगढ़ में ही उजवा के नाम से स्थित था।

Read More : मामूली से निवेश से किया स्टार्टअप आज कर रहे करोड़ो की कमाई | Portrait Flip

अचार बनाने का लिया प्रशिक्षण

कृषि विज्ञान केन्द्र के द्वारा उन्होंने अचार-मुरब्बे बनाने का प्रशिक्षण लिया कि कैसे सब्जियों से अचार व् मुरब्बा बनाया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने गोभी, गाजर, मिर्ची आदि का अचार व् मुरब्बा बनाना सीखा। उनका यह प्रशिक्षण लगभग तीन महीने तक चला। प्रशिक्षण पूरा हो जाने के बाद उन्होंने अपने घर में 5 kg अचार बनाया और अपने पति से घर के बनाये हुए अचार को मार्किट में बेचने के लिए कहा। उनके पति सब्जी बेचने के साथ साथ ही मार्किट में दुकान दुकान जाकर अचार बेचने की कोशिश करने लगे परंतु लोग उनके अचार को लेने से कतराने लगे क्योंकि वे अपने अचार को खुले में बेच रहे थे। तब उनके पति परेशान हो गए और घर वापस आकर अचार एक तरफ रखकर कहा कि वे मार्किट में अचार को नहीं बेच सकते।

success story of shri Krishna pickles

हिम्मत ना हारते हुए कोशिश जारी रखी।

 Shri Krishna pickles success story. उन्होंने कृष्णा जी को अचार बनाने का काम जारी रखने के लिए कहा। तब उन्होंने अपने पति से हिम्मत न हारते हुए कहा कि यदि हम ही हिम्मत हार गए तो हमारे परिवार का क्या होगा। उसके बाद उन्होंने अपने बनाये हुए अचार को मार्किट में बेचने के लिए एक युक्ति निकाली और अपने पति से कहा कि सड़क के किनारे अपने ठेले में सब्जी के साथ-साथ अचार भी रखे और अपने ग्राहको को अचार के बारे मे जानकारी भी देते जाए। परंतु परेशानी उनका पीछा कहा छोड़ने वाली थी। जहां उन्होंने अचार बेचने के लिए ठेला लगाया हुआ था वहां पर गिने-चुने ही लोग आते थे जिस कारण उनके अचार की बिक्री नहीं हो पा रही थी।

परेशानी के साथ शुरू हुआ अचार बिकने का सिलसिला 

उन्होंने एक बार फिर हिम्मत ना हारते हुए अपने अचार-मुरब्बे को बेचने के लिए युक्ति निकाली और अपने ठेले के पास लोगों को पानी पिलाने के लिए 2-3 मटके रख लिए। जब वहां पर कोई शख्स पानी पीने के लिये आता था तो उसे पानी भी पिलाते थे और साथ-साथ अपने घर का बनाया हुआ अचार भी टेस्ट कराते थे और कहते थे कि यदि आपको पसंद आये तो हमारे घर का बनाया हुआ अचार खरीद भी सकते हैं। इस तरह से उनके पति ने मार्किट में 100-200 रूपये में अचार बेचने लग गये। जब उन्हें अचार बेचने से कुछ फायदा होने लगा तब उन्होंने अपने काम का विस्तार करते हुए मुरब्बे भी बनाने शुरू कर दिए। उसके बाद उन्होंने 8-10 प्रकार के मुरब्बे बनाये। धीरे-धीरे उनके अचार व् मुरब्बे के बिज़नेस में सफलता आने लगी।

Read More : हर घंटे में 8 लाख कमाती है ये लड़की, बिना बिजनेस और नौकरी के।

कंपनी की शुरुआत

जब उनके बिज़नेस में सफलता आने लगी तब उन्होंने अपनी खुद की एक कंपनी बनाने का विचार किया जिसके लिए उन्होंने सालभर तक इधर-उधर भटकते रहे लेकिन उन्हें कहीं से भी कंपनी शुरू करने का लाइसेंस नहीं मिला। तब उनका परिचय एक बहुत ही भले सज्जन से हुआ जिन्होंने उनकी कंपनी का लाइसेंस बनवाने में मदद की। बस यही से “श्री कृष्णा पिकल्स” कंपनी को एक नाम मिला और उनका अचार एक ब्रांड के रूप मे शुरू हुआ।

success story of shri Krishna pickles

हजारों लोगों को दिया रोजगार

कंपनी के शुरूआती दौर में उन्होंने सबसे पहले 2-4 लोगों को ही अपने काम पर लगाया जिससे उनके बिज़नेस में वृद्धि होने लगी। तब उन्होंने अपने काम को बढ़ाने के लिए एक बड़ी जगह लेकर उसमे 5 मंजिला की एक इमारत खड़ी की। उनकी मेहनत समय के साथ साथ रंग लाने लगी और जल्द ही उन्होंने अपनी खुद की चार अन्य कंपनी भी खड़ी कर ली। आज के समय में वे पांच कंपनियों की मालकिन है और आज उनकी कंपनी के साथ जुड़कर कई बेरोजगार लोगों को रोजगार मिल रहा है। Shri Krishna pickles success story.

पुरे देश में दे रहीं हैं प्रशिक्षण

आज “श्री कृष्णा पिकल्स” के माध्यम से कृष्णा यादव जी ने पुरे देश में ग्रामीण और शहरी महिलाओं को अचार और मुरब्बा बनाने का प्रशिक्षण दे रहीं हैं। राजस्थान, बिहार और दिल्ली में उन्होंने अपना प्रशिक्षण देने के अपने प्रशिक्षण केन्द्र भी खोले हुए हैं, कई महिलाओं ने प्रशिक्षण लेकर अपने खुद के स्वरोजगार प्रारम्भ कर लिए हैं। आज उनकी कंपनी को शुरू हुए करीब 18-20 वर्ष हो चुके हैं। कृष्णा यादव जी का एक ही सपना है की कोई भी महिला अपने आप को कमजोर ना समझे वह हर वो काम कर सकती है जिनहे पुरुष कर सकता है। अपनी जीविका चलाने के लिए महिलाये अपना खुद का रोजगार आसनी से कर सकती है। प्रशिक्षण के माध्यम से कई महिलाओ ने अपनी जीविका शुरू भी कर दी है वह भी Shri Krishna Pickles की तरह अपनी खुद की Success Story लिखने को तैयार है। 

Read More : ‘अर्थली क्रिएशन’ की शुरुवात कर हरप्रीत आहलूवालिया ने बदली 40 कुम्हारो की जिंदगी।

क्वालिटी पर दिया जाता है ध्यान

कृष्णा जी के मुताबिक उनकी कंपनी में आज भी हाथो के द्वारा अचार बनाया जाता है जिसकी वजह से उनकी कंपनी में बनाये जाने वाले हैंडमेड अचार में घर जैसा ही स्वाद आता है। पहले उनकी कंपनी में 10 तरीके के अचार बनाये जाते थे लेकिन जब उनकी कंपनी में काम करने वाली महिलाओं की संख्या में बढ़ौतरी हुई तब उनकी कंपनी 252 तरीके के अचार बना रही है।

कंपनी का कुल टर्नओवर

उन्होंने अपनी कंपनी Shri Krishna pickles की शुरुआत मात्र 2,000/- रूपये से शुरू किया और आज उनकी कंपनी का टर्नओवर करोड़ों रूपये में हैं। जहां उनके पास रहने के लिए घर नहीं था लेकिन आज उनके पास वह हर सुख सुविधा है जिसके साथ वह अपने परिवार के साथ ख़ुशी-ख़ुशी अपना जीवन बीता रहीं हैं। Shri Krishna pickles success story.

दोस्तों आज कृष्णा जी ने समाज और पूरे देश में सभी महिलाओं के प्रति एक ग्रामीण महिला से एक सफल बिजनेस वुमन तक का सफर तय करके अपना एक अलग मुकाम बनाया हुआ है और कहा है कि अपने जीवन में मेहनत, लगन और ईमानदारी के साथ काम किया जाये तो निश्चित तौर पर सफतला एक न एक दिन जरूर मिलती है।


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें Startuphindi3@gmail.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप अपने गाँव, शहर या इलाके की प्रेरणात्मक वीडियो हमें 6397028929 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं!


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here